राजस्थान में REET के लिए बीएड अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बीएसटीसी और बीएड विवाद पर अंतिम सुनवाई होनी थी। वहीं, केन्द्र सरकार की और से 30 मार्च को नई SLP (स्पेशल लीव पिटीशन) दायर की गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं को जोड़ते हुए अब 19 जुलाई को सुनवाई की तारीख दी है। राजस्थान हाईकोर्ट के 25 नवंबर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। ऐसे में अब रीट भर्ती 2022 में भी बीएड अभ्यर्थी लेवल-1 के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।
मामला हाईकोर्ट में पहुंचा
राजस्थान में 26 सितंबर को रीट का आयोजन हुआ था। इसमें लेवल-1 में 9 लाख बीएड योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी भी शामिल हुए। इसको लेकर बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू कर दिया। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई की गई। हाईकोर्ट के जज अकील कुरैशी और सुदेश बंसल की खंडपीठ ने 25 नवम्बर 2021 को NCTE (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन) के नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए BSTC अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करते हुए रीट लेवल-1 का रिजल्ट जारी कर दिया। इसमें सिर्फ बीएसटीसी अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है।
बीएड अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ग्रेड थर्ड टीचर की तैयारी कर रहे बीएड अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई है। इसके बाद अब राजस्थान में 23 और 24 जुलाई को होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी बीएड अभ्यर्थी लेवल-1 की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। क्योंकि भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए सिर्फ 10 मई तक ही आवेदन किया जा सकता है। जबकि कोर्ट इस पूरे विवाद पर अब 19 जुलाई को सुनवाई करेगा। ऐसे में कोर्ट के फैसले के बाद ग्रेड थर्ड टीचर बनने का सपना देख रहे 10 लाख बीएड अभ्यर्थी को एक बार फिर मायूस हो गए हैं।
बीएसटीसी और बीएड विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में बीएसटीसी अभ्यर्थियों की ओर से सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मीनाक्षी अरोड़ा और एडवोकेट विज्ञान शाह की ओर से पैरवी की गई। बीएड अभ्यर्थियों की ओर से भारत सरकार के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल परमजीत सिंह और नरेश कौशिक की ओर से पैरवी की जा रही है।
NCTE से शुरू हुआ विवाद
NCTE ने साल 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी कर बीएड डिग्रीधारकों को भी रीट लेवल-1 के लिए योग्य माना था। NCTE ने यह भी कहा था कि अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के साथ 6 माह का ब्रिज कोर्स करना होगा। NCTE के इस नोटिफिकेशन को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। बीएड डिग्रीधारियों ने भी खुद को रीट लेवल-1 में शामिल करने को लेकर याचिका लगाई। इस पर फैसला नहीं हो पाया। राजस्थान सरकार ने रीट 2021 का नोटिफिकेशन जारी किया। तो उसमें बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ परीक्षा में बैठने दिया कि आखिरी फैसला हाईकोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगा। ऐसे में 2021 के साथ बीएड अभ्यर्थी अब 2022 शिक्षक भर्ती लेवल-1 में करीब 10 लाख लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।